चौधरी नन्दराम भगत (गुर्जर)
(स्वतंत्रता सेनानी)
पिता- चौः रामलाल गुर्जर
चौधरी साहब का जन्म 9 सितम्बर 1912 में हांसी (हरियाणा) में चौः रामलाल गुर्जर के घर हुआ|
जब वे 9 वर्ष के थे | तो उनके माता- पिता का स्वर्गवास हो गया | प्रारम्भिक जीवन संघर्ष भरा रहा | परन्तु उन्होने कभी अपना हौसला नहीं छोड़ा | वे हर कार्य को धैर्य व साहस से करते थे | वे गाँधी जी से प्रेरित होकर आजादी की लड़ाई में कुद गए |
1931 में नमक तोडो आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया | व्यक्तिगत सत्याग्रह आंदोलन जिसमें 9 माह की सजा हुई |
स्यालकोट (वर्तमान पाकिस्तान) जेल में रहे |जेल में हो रहे अत्याचारो के विरूद्ध आवाज उठाई तथा भूख हड़ताल की | जिसके लिए अंग्रेजो ने डंडा चार्ज किया | देश आजाद होने के बाद आप स्वयं पर निर्भर रहे | तथा 1950 से 1989 तक स्थानीय पी.सी.एस.ड़ी स्कूल में चपरासी की नौकरी की | ये एक संत प्रवृत्ति के व्यक्ति थे इसलिए भगत कह कर सम्बोधतित किया जाता था | चौधरी साहब आजादी के दिवाने थे |आजादी मे इनका योगदान अतुलनीय है | इनकी गिनती हरियाणा के आजादी के दिवानो में होती है |
हांसी के आजादी के दिवानो में
वैध यति पूर्णानन्द
श्री राजेन्द्र प्रसाद जैन
मास्टर फतेह सिंह
चौधरी नन्दराम
श्री चन्दगीराम
श्री जुगतीराम पूनिया
श्री जगदीशराय शर्मा
श्री ग्यानी राम आदि कई नेता थे |
चौधरी नन्दराम भगत
(गुर्जर)
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